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आज कसम खाते हैं। 52weekswritingchallenge अधिकार ज़िंदा रहते गरीब का हिस्सा हुए भी बदलते काश ये बोते रहते हैं जागरूकता के अभाव में सहते हिन्दीकविता समाज में असमानता जारी है अजनबी ही किरदार hindikavita

Hindi मिल-जुल खाते रहते Poems