STORYMIRROR

अधिकार अजनबी ही हिन्दीकविता हुए भी सहते ये रहते चुनाव का मौसम किरदार आज कसम काश ज़िंदा बोते समाज में असमानता जारी है गरीब का हिस्सा बदलते hindikavita रहते हैं जागरूकता के अभाव में खाते हैं।

Hindi मिल-जुल खाते रहते Poems